प्रशासन द्वारा लिखित समझौते के तीन दिन बीत जाने के बाद भी मॉडर्न लेमिनेटर्स लि. और मॉडर्न पैकेजिंग प्रा. लि. द्वारा मजदूरों को काम पर न लिये जाने से क्षुब्ध मजदूरों ने कहा कि प्रशासन अब भी मालिकों के साथ मिलकर मजदूरों से लुकाछिपी का खेल खेल रहा है और धोखाधड़ी कर रहा है। फैक्टरी मालिकों और प्रशासन के रवैये से आजिज आकर मजदूरों ने आज आपात बैठक करके निर्णय लिया कि वे अब पवन बथवाल के कारखाने में काम ही नहीं करेंगे।
बैठक में उपस्थित मजदूरों ने तय किया कि जब तक फैक्ट्री में श्रम कानूनों को पूरी तरह लागू नहीं किया जाता तब तक वे वापस इस पफैक्ट्री में नहीं जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों को श्रम कानून लागू हुए बिना ही पवन बथवाल की फैक्ट्री में काम करना हो वे इसके लिए स्वतंत्रा हैं लेकिन मजदूरों की बहुसंख्या ऐसे मजदूर विरोधी मालिक के लिए काम नहीं करना चाहती।
बैठक में मजदूरों ने कहा कि अन्य जगहों पर काम तलाशने और काम करने के साथ ही वे अब पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में श्रम कानूनों के घोर उल्लंघन के सवाल पर मजदूरों के बीच प्रचार करेंगे और गोरखपुर प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मजदूर विरोधी-गरीब विरोधी चेहरे को नंगा करेंगे। श्रम विभाग से लेकर पुलिस-प्रशासन तक यहां मालिकों के चाकर की भूमिका निभाते हैं और मजदूरों के लिए किसी कानून का कोई मतलब नहीं रह गया है। जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के अफसरों को मिलमालिक कठपुतली की तरह अपने इशारों पर नचाते हैं। मजदूर अब टोलियां बनाकर पूर्वी प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्राों में इसका भण्डाफोड़ करेंगे और पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में श्रम कानूनों के अमल के सवाल पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ व्यापक मजदूर आन्दोलन खड़ा करने की तैयारी करेंगे।
तपीश मैंदोला
कृते, संयोजन समिति
संयुक्त मजदूर अधिकार संघर्ष मोर्चा
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन