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(मज़दूर बिगुल के जून 2013 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
साहसपूर्ण संघर्ष और कुर्बानियों के बावजूद क्यों ठहरावग्रस्त है मारुति सुजुकी मज़दूर आन्दोलन?
फासीवाद
नरेन्द्र मोदी का उभार और मज़दूर वर्ग के लिए उसके मायने / अरविन्द
विशेष लेख / रिपोर्ट
जनवादी अधिकारों के लिए आन्दोलन और मज़दूर वर्ग / प्रसेन
संघर्षरत जनता
नोएडा में मज़दूरों का आक्रोश सड़कों पर फूटा / प्रमोद, नोएडा
मेट्रो के ठेका कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर डी.एम.आर.सी. प्रशासन का पुतला फूंका!
दिल्ली में बादाम मज़दूर एक बार फिर हड़ताल की राह पर!
महान शिक्षकों की कलम से
विरासत
रूस में मज़दूरों के क्रान्तिकारी अख़बार ‘ईस्क्रा’ की शुरुआत की रोमांचक कहानी
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
हरियाणा सरकार खुलकर सुज़ुकी के एजेण्ट की भूमिका में
लेखमाला
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
एक हज़ार कारण हैं कि हम विद्रोह करें, और बस एक ही काफ़ी है कि अब और प्रतीक्षा न करें!
औद्योगिक दुर्घटनाएं
चीन में मुनाफ़े की भेंट चढ़े 118 मज़दूर / गजेन्द्र, दिल्ली
मज़दूरों की कलम से
चाहे हरियाणा हो या बंगाल सब जगह मज़दूरों के हालात एक जैसे हैं / रोहताश, हरियाणा
कथित आज़ादी औरतों की / आनन्द, बादली, दिल्ली
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन