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(मज़दूर बिगुल के दिसम्बर 2013 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
गन्ना किसानों की तबाही पर जारी चर्चा में कुछ जरूरी सवाल / कविता
फासीवाद
“हमको फ़ासीवाद माँगता!” / कविता
नमो फ़ासीवाद! रोगी पूँजी का नया राग! / कविता
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
लुधियाना के टेक्सटाइल मज़दूरों की हड़ताल की जीत कमियों-कमज़ोरियों को दूर करते हुए आगे बढ़ना होगा
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
नेपाली क्रान्तिः गतिरोध और विचलन के बाद विपर्यय और विघटन के दौर में / आलोक रंजन
महान शिक्षकों की कलम से
फ्रेडरिक एंगेल्स की स्मृति में / लेनिन
समाज
आसाराम ही नहीं बल्कि समूचे धर्म के लुटेरे चरित्र की पहचान करो! / लखविन्दर
शहरी ग़रीबों में बीमारियों और कुपोषण की स्थिति चिन्तनीय
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
दिल्ली विधानसभा चुनाव की सुबह हुआ एक संवाद जो क्रोधान्तिकी सिद्ध हुआ / कविता
लेखमाला
कैसा है यह लोकतन्त्र और यह संविधान किनकी सेवा करता है? (पच्चीसवीं किस्त) – उपसंहार / आनन्द सिंह
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
“विकास” की चमक के पीछे की काली सच्चाई / संजय श्रीवास्तव
इतिहास
इक्कीसवीं सदी की सच्चाइयाँ और अक्टूबर क्रान्ति की प्रेरणाएँ एवं शिक्षाएँ / कविता कृष्णपल्लवी
महान मज़दूर नेता
स्तालिन: पहले समाजवादी राज्य के निर्माता / सत्यप्रकाश
माओ त्से-तुङ : हमारे समय के एक महानतम क्रान्तिकारी / राजकुमार
कला-साहित्य
कविता – 6 दिसम्बर 1992 की स्मृति में / कविता कृष्णपल्लवी
मज़दूरों की कलम से
हमें मज़दूर बिगुल क्यों पढ़ना चाहिए? / मनु, गुड़गांव
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन