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(मज़दूर बिगुल के सितम्बर 2013 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
मेहनतकश साथियो! साम्प्रदायिक ताक़तों के ख़तरनाक इरादों को नाकाम करने के लिए फ़ौलादी एकता क़ायम करो!
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
तेल की बढ़ती कीमतों का बोझ फिर मेहनतकश जनता पर / मीनाक्षी
विरासत
भगतसिंह के जन्मदिवस (28 सितम्बर) के अवसर पर – क्रान्ति क्या है?
समाज
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे जघन्य अपराध और प्रतिरोध का रास्ता क्या है? / कात्यायनी
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
क्यों ज़रूरी है चुनावी नारों की आड़ में छुपे सच का भण्डाफोड़? / राजकुमार
स्वास्थ्य
रैनबैक्सी मामला कम गुणवत्ता वाली और नकली दवाओं के कारोबार की एक छोटी-सी झलक है! / डॉ अमृत
लेखमाला
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
ग़रीबी-बदहाली के गड्ढे में गिरते जा रहे अमेरिका के करोड़ों मेहनतकश लोग / लखविन्दर
इतिहास
पेरिस कम्यून: पहले मज़दूर राज की सचित्र कथा (दसवीं किस्त)
कारखाना इलाक़ों से
आखि़र कब बदलेगी सफ़ाईकर्मियों की ज़िन्दगी? / लखविन्दर
नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं गुड़गाँव में काम करने वाले सफाई कर्मचारी, गार्ड और अन्य मज़दूर / मनन
कला-साहित्य
कविता – शासन करने की कठिनाई / बेर्टोल्ट ब्रेष्ट
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन