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(मज़दूर बिगुल के फरवरी 2024 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
विशेष लेख / रिपोर्ट
भगतसिंह जनअधिकार यात्रा – चलो जन्तर-मन्तर! – 3 मार्च 2024
भारत जोड़ो न्याय यात्रा की असलियत / केशव
संघर्षरत जनता
गाज़ा वह फ़ीनिक्स पक्षी है जो अपनी राख से फिर उठ खड़ा होगा! / लता
नगर निगम गुड़गाँव के ठेका ड्राइवरों को हड़ताल की बदौलत आंशिक जीत हासिल हुई / शाम मूर्ति
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
हिटलर की तर्ज़ पर अरबों रुपये बहाकर मोदी की महाछवि का निर्माण / प्रियम्वदा
सामयिकी
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न और मण्डल कमीशन की राजनीति / विवेक
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम की पैरोल पर रिहाई के मायने / अदिति
पर्यावरण / विज्ञान
मुनाफ़े की भेंट चढ़ता हसदेव जंगल : मेहनत और कुदरत दोनों को लूट रहा पूँजीवाद / चन्द्रप्रकाश
लेखमाला
क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 18 : पूँजी का संचय / अभिनव
महान जननायक
अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद की क्रान्तिकारी विरासत को आगे बढ़ाओ! / विशाल
कला-साहित्य
दो फ़िलिस्तीनी कविताएँ / समीह अल-कासिम. इब्राहीम तुकन
आपस की बात
आपस की बात – देश के मज़दूर हैं (कविता)
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन