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(मज़दूर बिगुल के सितम्बर 2023 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
दंगे करने का अधिकार, माँग रहा है संघ परिवार! शामिल है मोदी सरकार!
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
मोदी सरकार के घोटालों की पोल खोलती नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट / आशीष
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
क्या है बजरंग दल और मज़दूरों को इससे क्यों सावधान रहना चाहिए? / भारत
हर मोर्चे पर नाकाम मोदी सरकार, चन्द्रयान पर चढ़कर कर रही चुनाव प्रचार! / गायत्री भारद्वाज
भाजपा शासन में चुनाव पास आते ही सरहद पर घुसपैठ क्यों बढ़ जाती है? / आदित्य
विशेष लेख / रिपोर्ट
नूंह में हुई हिंसा की सच्चाई : एक जाँच रिपोर्ट / भारत
समाज
मोदी-शाह के फ़ासीवादी राज में स्त्रियों के बद से बदतर होते हालात! / वृषाली
स्त्रियों के शोषण-उत्पीड़न-बलात्कार में लिप्त दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग! / प्रियम्बदा
मोदी सरकार के अमृतकाल में दलितों का बर्बर उत्पीड़न चरम पर / प्रसेन
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
अपराध-सम्बन्धी क़ानूनों में बदलाव के पीछे मोदी सरकार की असल मंशा क्या है? / शिवानी
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
लगातार बाधित संसद सत्र, जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी / नौरीन
शिक्षा और रोजगार
आपस में नहीं सबके रोज़गार की गारण्टी के लिए लड़ो! / अविनाश
लेखमाला
क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला – 14 : बेशी मूल्य का उत्पादन / अभिनव
मज़दूर बस्तियों से
दिल्ली में पानी की समस्या से जूझती जनता / अदिति
कला-साहित्य
कहानी – सुकून की तलाश में एक दिन / अन्वेषक
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन