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(मज़दूर बिगुल के जून 2022 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
फ़ासीवाद
दिल्ली में बुलडोज़र राज / केशव आनन्द
ज्ञानव्यापी विवाद और फ़ासिस्टों की चालें / अजीत
फासीवाद की बुनियादी समझ बनायें और आगे बढ़कर अपनी ज़िम्मेदारी निभायें / कविता कृष्णपल्लवी
क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला
मज़दूरी के बारे में (क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला – 1) / अभिनव
अन्तरराष्ट्रीय
श्रीलंका का संकट : नवउदारवादी नीतियों की ख़ूनी जकड़ का विनाशकारी परिणाम / लता
पर्यावरण
समाज
कारख़ाना इलाक़ों से
बढ़ती महँगाई और मज़दूरों के हालात / भारत
मुण्डका (दिल्ली) की फैक्ट्री में लगी आग: कौन है इन 31 मौतों का ज़िम्मेदार? / भारत
उत्तर प्रदेश में निर्माण मज़दूरों की स्थिति है भयावह, संघर्ष का रास्ता चुनना ही होगा
कला-साहित्य
आपस की बात
‘किसान मज़दूर एकता’ केे खोखले नारे की असलियत / कालू राम
वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम के बुरे हालात / विष्णु
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन