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(मज़दूर बिगुल के मार्च 2020 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी जनान्दोलन को हिन्दुत्व फ़ासीवाद-विरोधी आन्दोलन की शक्ल दो!
स्वास्थ्य
कोरोना वायरस और भारत की बीमार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ / डॉ. नवमीत
सीएए-एनपीआर-एनआरसी
हमारे आन्दोलन को संविधान-रक्षा के नारे और स्वत:स्फूर्ततावाद से आगे, बहुत आगे, जाने की ज़रूरत क्यों है? / अभिनव
असम में समस्या प्रवासी नहीं, नफ़रत के बीज बोने वाले क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पूँजीपति वर्ग और उनकी पार्टियाँ हैं / आनन्द
जन सत्याग्रह पदयात्रा : जाति-धर्म पर बँटने के बजाय अवाम के बुनियादी मुद्दों पर एकजुट संघर्ष का पैग़ाम लेकर राजधानी में 300 किलोमीटर की यात्रा
सीएए-एनआरसी पर घर में मीटिंग कर रहे नौभास कार्यकर्ताओं को अँधेरगर्दी करते हुए जेल भेजा!
आर्थिक बजट
मेहनतकश अवाम के बजट पर डाका डालने वाला केन्द्रीय बजट / शिशिर गुप्ता
चुनाव
शिक्षा/रोज़गार
बेतहाशा बढ़ती बेरोज़गारी और ढपोरशंखी सरकारी योजनाएँ / मीनाक्षी
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका / अन्धराष्ट्रवाद
कश्मीर में 7 महीने से जारी पाबन्दियों से जनजीवन तबाह / अनिता
सावधान! राज्यसत्ता आपके जीवन के हर पहलू पर नज़र रख रही है! / रूपा
लखनऊ में डिफ़ेंस एक्सपो : मुनाफ़े की हवस में युद्धोन्माद फैलाने का तामझाम / अनुपम
संघी ढोल की पोल
ट्रम्प की भारत यात्रा : “गुजरात मॉडल” की सच्चाई दीवारों के पीछे छिपाये न छिपेगी / लालचन्द्र
स्त्री विरोधी अपराध
कला-साहित्य
मक्सिम गोर्की : एक सच्चे सर्वहारा लेखक
हबीब जालिब के जन्मदिवस (24 मार्च) पर उनकी दो नज़्में
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन