(मज़दूर बिगुल के अप्रैल-मई 2013 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

सम्पादकीय
बंगलादेश हो या भारत, मौत के साये में काम करते हैं मज़दूर, सुरक्षित कार्यस्थितियों के लिए एकजुट होकर लड़ना ही होगा!
विशेष लेख / रिपोर्ट
मई दिवस की क्रान्तिकारी विरासत से प्रेरणा लो! राजनीतिक चेतना बढ़ाओ, संगठित हो, अपने पूरे हक़ के लिए आगे बढ़ो!
संघर्षरत जनता
वज़ीरपुर में ‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’ के नेतृत्व में हड़ताल
विरासत
मार्क्स – क्रान्तिकारियों के शिक्षक और गुरु / विल्हेल्म लीबनेख़्त
समाज
सरकार की मानसिक विकलांगता और आमिर खान की कुपोषित बौद्धिकता / प्रमोद
मंगोलपुरी की घटना ने फिर साबित किया कि आज न्याय, इंसाफ़ और सुरक्षा सिर्फ अमीरज़ादों के लिए ही है! / योगेश
स्वास्थ्य
मज़दूरों की सेहत से खिलवाड़ – आखिर कौन ज़िम्मेदार? / डॉ अमृतपाल
लेखमाला
कैसा है यह लोकतन्त्र और यह संविधान किनकी सेवा करता है? (अठारहवीं किस्त) – भारतीय संघात्मक ढाँचे के ढोल की पोल / आनन्द सिंह
स्मृति शेष
मज़दूर-मुक्ति के लक्ष्य को समर्पित एक युवा, ऊर्जस्वी जीवन का अन्त
कारखाना इलाक़ों से
नोएडा के निर्माण मज़दूरों पर बिल्डर माफिया का आतंकी कहर / आनन्द सिंह
निर्माण क्षेत्र में मन्दी और ईंट भट्ठा मज़दूर / सनी
गतिविधि रिपोर्ट
‘जाति प्रश्न और मार्क्सवाद’ पर चतुर्थ अरविन्द स्मृति संगोष्ठी (12-16 मार्च, 2013), चण्डीगढ़ की रिपोर्ट
मई दिवस पर मज़दूरों ने अपने शहीदों को याद किया
कला-साहित्य
औद्योगिक दुर्घटनाओं पर एक वृत्तचित्र
जीवन-लक्ष्य : युवावस्था में लिखी मार्क्स की कविता
मज़दूरों की कलम से
एक मज़दूर की आपबीती / एक मज़दूर, गुड़गांव
एक छोटी सी जीत / जितेन्द्र, गुड़गांव
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन
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