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(मज़दूर बिगुल के जुलाई 2018 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
ग़रीबों से वसूले टैक्सों के दम पर अमीरों की मौज / सत्यप्रकाश
अम्बानी का जियो इंस्टीट्यूट – पैदा होने से पहले ही मोदी ने तोहफ़ा दे दिया! / अविनाश
उद्योगों की तालाबन्दी, मज़दूरों की छँटनी जारी है / शाम मूर्ति
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
”गौमाता” के नाम पर हत्याओं का सिलसिला
अगर हम अब भी फासीवादी गुण्डई का मुकाबला करने सड़कों पर नहीं उतरे तो…कोई नहीं बचेगा!
विशेष लेख / रिपोर्ट
भारत में बढ़ती नशाखोरी का आलम / रिंकू सिधानी, हरियाणा
संघर्षरत जनता
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा-रोज़गार अधिकार अभियान ने गति पकड़ी
उत्तराखण्ड मज़दूर माँगपत्रक आन्दोलन के पहले चरण की शुरुआत
12 जुलाई को क्लस्टर बसों के संवाहकों ने की एक दिवसीय हड़ताल / सिमरन, बिगुल संवाददाता
महान शिक्षकों की कलम से
भारी महँगाई और पूँजीपतियों की ”कठिन” ज़िन्दगी – लेनिन
समाज
देशभर में लगातार जारी है जातिगत उत्पीड़न और हत्याएँ / बबन ठोके
शिक्षा और रोजगार
नोएडा में सैम्संग के नये कारख़ाने से मिलने वाले रोज़गार का सच
उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के सिर पर लटकती छँटनी की तलवार
स्वास्थ्य
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
इतिहास
महान जननायक
कारखाना इलाक़ों से
नोएडा की एक्सपोर्ट कम्पनियों में मज़दूरों की बदतर हालत
गोरखपुर में फ़र्टिलाइज़र कारख़ाने का गोरखधन्धा / राजू कुमार
कला-साहित्य
कहानी – हड़ताल / मक्सिम गोर्की
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन