उधर सीमा पर जवान जान दे रहा है यहाँ तुम जान दो — ताकि दोनों तरफ सेठों की तिजोरियाँ भरती रहें!
धीरेश सैनी (फ़ेसबुक पर)
साब सड़क टूटी पड़ी है। प्राइमरी स्कूल के बाहर गंदा पानी जमा है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। घरों में कैद होकर रह गये हैं।
- शर्म करो। कुछ सहना सीखो। सीमा पर जवान एक जगह कई-कई दिन खड़े रहते हैं।
साब हमारे हैंडपम्प ठप हो गये हैं। इलाके का पानी गन्दा हो गया है। कैंसर फैल रहा है। कुछ कीजिए।
- देश आगे बढ़ रहा है। कुछ सहना ही पड़ता है। सीमा पर जवान भी तो झेल रहे हैं।
साब, फसल के ठीक दाम तो दिलाओ। किसान आत्महत्या करने के मजबूर हैं।
- इतनी योजनाएं हैं। आत्महत्या करने वाले कायर हैं…। सीमा पर जवान जान दे रहे हैं।
साब सुबह की सरकारी बस बन्द कर दी गयी है। लड़कियों की पढ़ाई संकट में है।
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हमारा ही नारा है। वैसे मातृ शक्ति घर सम्भाले तो ज़्यादा ठीक। देश आगे बढ़ रहा है। सीमा पर जवान…
साब, हमारे सैनिक बेटों की लाशें आने का सिलसिला रुकता ही नहीं…
- वंदे मातरम्, गौ माता की जय। हम विश्वगुरु हैं।
साब, यह तो हद है कि अचानक हमारे मेहनत की कमाई के थोड़े-बहुत पैसे भी अवैध हो गये। तीन-चार दिन बीत जाने के बावजूद…
- जब कांग्रेस बांस करती थी तब? देश ऐसे ही महान बनेगा? सीमा पर जवान दिन-रात खड़ा है और तुम मिमिया रहे हो।
मज़दूर बिगुल, अक्टूबर-नवम्बर 2016
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