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(मज़दूर बिगुल के अगस्त 2023 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
हार की आशंका से घबरायी मोदी-शाह सरकार और भाजपा देश को दंगों की आग में झोंकने की तैयारी में
श्रम कानून
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
बेटी बचाओ… भाजपाइयों और संघियों से / अजित
विशेष लेख / रिपोर्ट
मणिपुर में बर्बरता के लिए कौन है ज़िम्मेदार? / आनन्द
संघर्षरत जनता
प्रोटेरियल के पुराने ठेका मज़दूरों की हड़ताल की आंशिक जीत और आगे की चुनौतियाँ! / शाम
विरासत
काकोरी ऐक्शन की विरासत से प्रेरणा लो! धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ सच्ची धर्मनिरपेक्षता के लिए आगे आओ!
समाज
घरेलू कामगारों के विरुद्ध लगातार बढ़ते आपराधिक मामले / आशीष
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों का संघर्ष बुर्जुआ न्यायतन्त्र के चेहरे को भी कर रहा बेनक़ाब! / प्रियम
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
विपक्ष का नया गठबन्धन ‘इण्डिया’ और मज़दूर वर्ग व मेहनतकश आबादी का नज़रिया / लता
लेखमाला
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन