विश्व मजदूर आन्दोलन के महान नेता और सोवियत समाजवादी निर्माण के मार्गदर्शक स्तालिन के जन्मदिन (22 दिसम्बर के अवसर पर)
जनता से जुड़ाव ही क्रान्तिकारियों को अजेय बनाता है!
स्तालिन
जनता के साथ संपर्क, इन संपर्कों को सुदृढ़ बनाना, जनता की आवाज सुनने के लिए तत्पर रहना, इसी में बोल्शेविक (कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी – सं.) नेतृत्व की शक्ति और अजेयता रहती है। इसे एक नियम के रूप में माना जा सकता है कि जब तक बोल्शेविक व्यापक जनता के साथ सम्पर्क रखते हैं, तब तक वे अजेय बने रहेंगे। और इसके विपरीत, बोल्शेविकों के लिए बस इतना ही काफी है कि वे जनता से दूर हो जायें, जनता के साथ उनका रिश्ता टूट जाये तो फिर उनमें नौकरशाहियत का जंग लग जायेगा, उनकी सारी शक्ति जाती रहेगी और वे नगण्य हो जायेंगे।
प्राचीन काल के यूनानी पौराणिक ग्रंथों में एक प्रसिद्ध वीर था, जिसे ऐण्टियस कहते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह समुद्र के देवता पोसीडन और पृथ्वी की देवी जया का’ पुत्र था। उसका अपनी मां के प्रति विशेष अनुराग था जिसने उसे जन्म दिया था और पाल-पोसकर बडा किया था। कोई भी ऐसा वीर बाकी नहीं बचा था जिसे इस ऐण्टियस ने पराजित न किया हो। वह एक अजेय वीर माना जाता था। उसकी शक्ति का स्रोत कहां था? वह इस तथ्य में था कि जब कभी किसी संघर्ष में उसके विरोधी उस पर हावी होने लगते थे तो वह अपनी मां पृथ्वी का स्पर्श कर लेता, जिसने उसे जन्म दिया था और खिलाया-पिलाया था, और वह नई शक्ति हासिल कर लेता। लेकिन फिर भी उसमें एक कमजोरी थी – उसके किसी तरह पृथ्वी से अलग हो जाने का खतरा। उसके दुश्मनों ने उसकी इस कमजोरी पर गौर किया और इंतजार करने लगे। और एक ऐसा दुश्मन निकल आया जिसने उसकी इस कमजोरी का फायदा उठाया और उसे पराजित कर दिया। वह हरकुलिस था। लेकिन हरकुलिस ने उसे कैसे हराया? उसने ऐण्टियस को पृथ्वी से अलग कर दिया, ऊपर हवा में टांग लिया, पृथ्वी का स्पर्श करने की उसकी संभावना को खत्म कर दिया और उसका गला घोंट दिया।

People carry red flags and a portrait of the late Soviet leader Josef Stalin during a ceremony to mark the 60th anniversary of his death in his hometown of Gori, about 80 km (50 miles) west of Georgia’s capital Tbilisi March 5, 2013. REUTERS/David Mdzinarishvili
मेरा विचार है कि बोल्शेविक हमें ग्रीक पौराणिक कथाओं के वीर ऐण्टियस की याद दिलाते हैं। ऐण्टियस की भांति जबतक वे अपनी मां – जनता के साथ, जिसने उन्हें जन्म दिया है, उसका पालन-पोषण किया है और जिसने उन्हें शिक्षा दी है, सम्पर्क बनाये रखते हैं तब तक वे शक्तिशाली बने रहते हैं। और जब तक उनका संपर्क उनकी जननी-जनता के साथ कायम रहता है तब तक उनके अजेय बने रहने की पूरी संभावना रहती है।
बोल्शेविक नेतृत्व की अजेयता का यहीं कारण है। ( ‘सात प्रश्नों के उत्तर’ सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी का प्लेनम, मार्च 1937)
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन