अन्धाधुन्ध गोलियाँ बरसाकर सामूहिक हत्याएँ : अमेरिकी समाज की गम्भीर मनोरुग्णता का एक लक्षण
अमेरिकी बुर्जुआ समाज, बीमार, सचमुच बेहद बीमार है। बुर्जुआ सभ्यता और भौतिक प्रगति का यह बहुप्रचारित, लकदक चमक-दमक वाला मॉडल अन्दर से सड़ चुका है। अमेरिकी बुर्जुआ सभ्यता मानवीय सारतत्व से रिक्त और खोखली हो चुकी है। अमेरिकी बुर्जुआ समाज समृद्धि के शिखर पर बैठा हुआ भविष्यहीनता के अवसाद और आतंक में डूबा हुआ है। अमेरिकी “श्रेष्ठता” की खोखली उल्लास व उन्माद-भरी चीख़ों के पीछे दुनियाभर के युद्धों, रक्तपातों, नरसंहारों का अपराधबोध सामूहिक मानस में पार्श्व-संगीत की तरह लगातार बज रहा है।