स्वास्थ्य के अधिकार के बिना जीने का अधिकार बेमानी है! जागो, एकजुट हो, आवाज़ उठाओ!
कहते हैं कि जब रोम जल रहा था तब वहाँ का राजा नीरो बाँसुरी बजा रहा था। भविष्य में हमारे देश के बारे में कहा जायेगा कि जब भारत कोरोना महामारी की आग में जल रहा था तो मोदी सरकार ऊपर से और तेल छिड़कने का काम कर रही थी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने लाखों लोगों को निगल गया। बीमारी से ज़्यादा लोग बेरहम सरकार की बदइन्तज़ामी और लापरवाही से मारे गये। अप्रैल और मई में सरकारी आँकड़ों के मुताबिक रोज़ाना 4000 से ज़्यादा लोग इस बीमारी से जान गँवा रहे थे, लेकिन असल में इससे कई गुना ज़्यादा मौतें हुई हैं। शहरों की ग़रीब बस्तियों में और गाँव-गाँव में होने वाली मौतों की तो गिनती ही नहीं हुई है।