देशभर में होने जा रही 8 जनवरी की आम हड़ताल के प्रति हमारा नज़रिया क्या हो?
अगर केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें केन्द्र व राज्य सरकार के मज़दूर-विरोधी संशोधानों को सच में वापस करवाने की इच्छुक हैं तो क्या इन्हें इस हड़ताल को अनिश्चितकाल तक नहीं चलाना चाहिए? यानी कि तब तक जब तक सरकार मज़दूरों से किये अपने वायदे पूरे नहीं करती और उनकी माँगों के समक्ष झुक नहीं जाती है।