‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ अभियान
राज्यसभा में कैबिनेट राज्यमन्त्री जितेन्द्र प्रसाद ने ख़ुद माना था कि कुल 4,20,547 पद अकेले केन्द्र में ख़ाली पड़े हैं। देश भर में प्राइमरी-अपर-प्राइमरी अध्यापकों के क़रीब 10 लाख पद, पुलिस विभाग में 5,49,025 पद, ख़ाली पड़े हैं। केन्द्र और राज्यों के स्तर पर क़रीब बीसियों लाख पद ख़ाली हैं। तो ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि इन रिक्त पदों पर नियुक्तियाँ क्यों नहीं की जातीं? एक ओर बेरोज़गारी की भीषण आग में झुलसती जनता है, वहीं दूसरी ओर नेताओं और पूँजीपतियों की सम्पत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है।