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(मज़दूर बिगुल के अप्रैल 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
मज़दूर वर्ग का नया शत्रु और पूँजीवाद का नया दलाल – अरविन्द केजरीवाल
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश – किसानों के जनवादी अधिकारों पर तीखा हमला / लखविन्दर
श्रम कानून
केजरीवाल सरकार न्यूनतम वेतनमान लागू कराने की ज़िम्मेदारी से मुकरी
ई.एस.आई. ख़त्म करने की मोदी सरकार की मज़दूर-विरोधी साज़िशें
फासीवाद
संघर्षरत जनता
वियतनाम में मज़दूरों की जुझारू एकजुटता ने ज़ुल्मी हुक़्मरानों को झुकाया / आनन्द सिंह
हम हार नहीं मानेंगे! हम लड़ना नहीं छोड़ेंगे!
25 मार्च की घटना के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में आम आदमी पार्टी के विरोध में प्रदर्शन
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
मोज़रबेअर में मज़दूरों के संघर्ष को मिली हार और उसके नतीजे / अखिल
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
‘वज़ीरपुर मज़दूर’ अख़बारः लफ्फ़ाज़ी का नया नमूना / सनी
महान शिक्षकों की कलम से
मज़दूरों के सबसे बुरे दुश्मन लफ़्फ़ाज़ / लेनिन
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
इस्लामिक राजतंत्र और अमेरिकी साम्राज्यवाद के गँठजोड़ ने रचा एक और देश में मौत का तांडव / आनन्द सिंह
गतिविधि रिपोर्ट
नोएडा की मज़दूर बस्ती में शहीद मेले का आयोजन
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु के 84वें शहादत दिवस पर नरवाना में लगा शहीद मेला!
पंजाब में क्रान्तिकारी जन संगठनों द्वारा साम्प्रदायिकता विरोधी जन सम्मेलन का आयोजन
‘धर्म की उत्पत्ति व विकास, वर्ग समाज में इसकी भूमिका’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन
कला-साहित्य
बेर्टोल्ट ब्रेष्ट की तीन कविताएँ
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन