(बिगुल के फरवरी 2009 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए  यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

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सम्पादकीय

जंगल की आग की तरह फैलती विश्वव्यापी आर्थिक मन्दी करोड़ों मेहनतकशों के रोज़गार निगल चुकी है – पूँजीवाद के पास इस संकट से निकलने का कोई उपाय नहीं

अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

विश्वव्यापी मन्दी पूँजीवाद की लाइलाज बीमारी का एक लक्षण है! – पूँजीवाद के ख़ात्मे के साथ ही इसका अन्त होगा!

श्रम कानून

दिल्ली मेट्रो की चकाचौंध के पीछे की काली सच्चाई – ट्रेनों और स्टेशनों को चमकदार बनाये रखने वाले 1400 सफाईकर्मियों को न्यूनतम मज़दूरी तक नहीं, ठेकेदारों की मर्ज़ी के ग़ुलाम

मज़दूर आंदोलन की समस्याएं

नेपाली क्रान्ति: नये दौर की समस्याएँ और चुनौतियाँ, सम्भावनाएँ और दिशाएँ / आलोक रंजन

चीन के नकली कम्युनिस्टों को सता रहा है “दुश्मनों” यानी मेहनतकशों का डर / सन्‍दीप

महान शिक्षकों की कलम से

मज़दूर अख़बार – किस मज़दूर के लिए? / लेनिन

बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका

सफ़ाई कर्मचारियों की रात की ड्यूटी अनिवार्य करने का अदालती फ़ैसला – सफ़ाई कर्मचारियों की सेहत और सुरक्षा का ध्‍यान कौन रखेगा, जज महोदय? / कपिल स्‍वामी

साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्‍धराष्‍ट्रवाद

गाज़ा में इज़रायल की हार

लेखमाला

अदम्य बोल्शेविक – नताशा – एक संक्षिप्त जीवनी (दूसरी क़िश्त) / एल. काताशेवा

बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ

बोलते आँकड़े चीखती सच्चाइयाँ

मज़दूर बस्तियों से

मज़दूरों की क़ब्रगाह बनता दिल्ली-सोनीपत हाइवे / जीतू, शिवपुरी कालोनी, सोनीपत

गतिविधि रिपोर्ट

मर्यादपुर में देहाती मज़दूर यूनियन एक बार फिर संघर्ष की तैयारी में


 

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मज़दूरों के महान नेता लेनिन

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