शहीदों के सपनों को साकार करना होगा
रासलाल (दिल्ली)
‘कल करे सो आज कर, आज करे सो अब’ – कबीर दास के इस दोहे को चरितार्थ करने का समय अब आ गया है। मजदूर भाइयो, अब वह समय अब आ गया है जब हमें पूँजी की सत्ता का खुलकर विरोध करना चाहिए और इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए। हमें अब अपने ऊपर हो रहे जुल्मों को और बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। समाज के ऊपर हावी हो रही पूँजी तथा इसके चाटुकारों, दलालों, कमीशनखोरों को सबक सिखाना ही होगा। वरना हमारी हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती चली जाएगी।
तो मज़दूर भाइयों-बहनों अब इन्तजार की और जरूरत नहीं हैं। शीघ्र ही हमें एक कर्तव्यनिष्ठ संगठन बनाकर पूरे देश में क्रान्ति की अलख को जगाते हुए इस भ्रष्टाचारी सत्ता को मिटाना होगा और एक लोकस्वराज्य की स्थापना करनी होगी। जिसके लिए हम सभी को कंधे से कंधा मिलकर काम करना होगा। इसके लिए आवश्यकता है सच्ची लगन व मेहनत की जिसमें हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। तभी भगतसिंह, राजगुरू व सुखदेव की कुर्बानी सफल हो पाएगी।
इन्क़लाबी अभिवादन के साथ,
रासलाल (दिल्ली)
मज़दूर बिगुल, जनवरी 2011
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