(मज़दूर बिगुल के नवम्‍बर 2013 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)


Thumbnail_Mazdoor Bigul_nov_2013

सम्पादकीय

चुनाव नहीं ये लुटेरों के गिरोहों के बीच की जंग है

फासीवाद

‘लव-जिहाद’ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जनसंख्या विज्ञान / नवगीत

आन्दोलन : समीक्षा-समाहार

मारुति सुजुकी मज़दूर आन्दोलन के पुनर्गठन के नवीनतम प्रयासों की विफलता – इस अफ़सोसनाक हालत का ज़िम्मेदार कौन है? / शिशिर

मज़दूर आंदोलन की समस्याएं

साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ गत्ते की तलवार भाँजते मौक़ापरस्त जोकरों का प्रहसन

समाज

पूँजीवादी पाशविकता की बलि चढ़ते मासूम बच्चे / श्‍वेता

मोदी के गुजरात “विकास” का सच / नमिता

लेखमाला

कैसा है यह लोकतंत्र और यह संविधान किसकी सेवा करता है (चौबीसवीं क़िस्त) – उपसंहार / आनन्‍द सिंह

पेरिस कम्यून: पहले मज़दूर राज की सचित्र कथा (बारहवीं किस्त)

कारखाना इलाक़ों से

पीड़ा के समुद्र और भ्रम के जाल में पीरागढ़ी के मज़दूर / नवीन

ऑटो सेक्टर की ‘रिको फैक्ट्री’ के मज़दूर से बातचीत

गुड़गाँव के “मल्टीब्राण्ड” शॉपिंग सेन्टरों की चकाचौंध में गुम होते दुकान मज़दूर / राजकुमार

कैसी ख़ुशियाँ, आज़ादी का कैसा शोर? राज कर रहे कफ़नखसोट मुर्दाखोर! / नमिता

मज़दूरों की कलम से

डॉ. अमृतपाल को चिट्ठी! / शमशुद्दीन, गुड़गांव

कुत्ते और भेड़िये, और हमारी फ़ैक्टरी के सुपरवाइज़र / दिव्‍या, एक होजरी मज़दूर, लुधियाना


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments