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(मज़दूर बिगुल के नवम्बर 2020 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
बिहार: चुनावी रणनीति तक सीमित रहकर फ़ासीवाद को हराया नहीं जा सकता!
बुर्जुआ मीडिया / संस्कृति
टीआरपी घोटाला: पूँजीवादी मीडिया का नंगा रूप / अंजलि
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत : जुमले ले लो, थोक के भाव जुमले… / अनुपम
जनता की भुखमरी और बेरोज़गारी के बीच प्रधानमंत्री की अय्याशियाँ / रूपा
अब गुजरात मॉडल से भी बर्बर यूपी मॉडल खड़ा कर रहे योगी आदित्यनाथ
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
जारी है रिको ऑटो इंडस्ट्रीज़ के मज़दूरों का संघर्ष / शाम मूर्ति
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
सामयिकी
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर ज़िले में बिजली के बिलों की धाँधली / बिगुल संवाददाता
आगरा में विद्युत वितरण के निजीकरण का अनुभव / आनन्द
उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण पर आमादा सरकार / आनन्द सिंह
समाज
वैश्विक भूख सूचकांक : भारत में भूख से जूझता मेहनतकश / प्रेम प्रकाश
विकल्प का खाका
बिहार: दीघा विधानसभा सीट पर RWPI को मिले समर्थन के लिए इन्क़लाबी अभिवादन / RWPI, बिहार इकाई
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
कश्मीर में जारी दमन, फ़र्ज़ी मुक़दमे और भारतीय राजसत्ता द्वारा जनता पर कसता शिकंजा! / अविनाश
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
भारत-अमेरिका रक्षा समझौता देश की सम्प्रभुता और सामरिक आत्मनिर्णय से समझौता है! / अपूर्व
शिक्षा और रोजगार
हरियाणा सरकार का शिक्षा व इलाज के जनता के अधिकारों पर बड़ा हमला!
इतिहास
7 नवम्बर – एक नयी ऐतिहासिक तारीख़ / अल्बर्ट रीस विलियम्स
कला-साहित्य
दो क़िस्से — कविता कृष्णपल्लवी
केदारनाथ अग्रवाल की तीन छोटी कविताएँ
मज़दूरों की कलम से
आपस की बात – न्यायपालिका का फ़ासिस्ट चरित्र / भारत, बवाना, दिल्ली
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन