”गौमाता” के नाम पर हत्याओं का सिलसिला
मुस्लिमों का खुलेआम विरोध करने वाली मोदी सरकार के सत्ता में आने से ही देशभर में फासीवादी हिन्दुत्ववादी गोभक्तों का आतंक बढ़ गया है। गोरक्षा के नाम पर गुण्डा गिरोह बनाकर बिना रोकटोक निर्दोष लोगों खासकर दलितों व मुस्लिमों की हत्याएं की जा रही हैं। 2015 में दादरी में मोहम्मद अखलाक की घर में घुसकर हत्या की गयी, 2016 में गुजरात के उना में मृत गाय का चमड़ा निकालने का बहाना बनाकर छह दलित युवकों को बेरहमी से मारा-पीटा गया, 2017 में अलवर, राजस्थान में पहलू खान की 200 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी और अभी कुछ ही दिन पहले 20 जून के दिन उत्तरप्रदेश के मेरठ में कासिम की हत्या कर दी गयी। ऐसी अनगिनत घटनाएं देशभर में घट रही हैं। 2010 के बाद हुई 63 घटनाओं में से ज्यादातर घटनाएं 2014 में मोदी सरकार आने के बाद ही घटी हैं। ये घटनाएं इसलिए घट रही हैं क्योंकि हत्यारों को पता है कि उन्हें सरकार का समर्थन प्राप्त है। गोरक्षकों द्वारा हो रही हत्याओं पर मगरमच्छ के आंसु बहाने वाली मोदी सरकार का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया जब हाल ही में केन्द्रीय विमानन मंत्री जयंत सिन्हा ने 2017 में झारखण्ड में अलिमुद्दीन अंसारी की हत्या करने वाले 7 हत्यारों का हार पहनाकर स्वागत किया।
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