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(मज़दूर बिगुल के जून 2017 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
मोदी की नोटबन्दी ने छीने लाखों मज़दूरों से रोज़गार / लखविन्दर
किसकी सेवा में जुटे हैं प्रधान सेवक महोदय! / मुकेश
श्रम कानून
हरियाणा में यूनियन बनाने की सज़ा – मुक़द्दमा और जेल! / अनुष्का सिंह, सीजो जॉय, सचिव, पीयूडीआर
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
घातक तथा व्यापक प्रभाव डालने वाले समाचार / दिनेश बैस
व्हाट्सअप पर बँटती अफ़ीम / नितेश
संघर्षरत जनता
बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र, गोरखपुर के अंकुर उद्योग कारख़ाने के मज़दूर आन्दोलन की राह पर
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
किसान आंदोलन : कारण और भविष्य की दिशा / मुकेश
महान शिक्षकों की कलम से
कार्ल मार्क्स – मज़दूर का अलगाव
विरासत
पहला पार्टी स्कूल / मरीया प्रिलेज़ायेवा की पुस्तक ‘लेनिन कथा’ का एक अंश
समाज
ख़ूबसूरत चमड़ी का बदसूरत धन्धा / इनजिन्दर
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
विश्व स्तर पर सुरक्षा ख़र्च और हथियारों के व्यापार में हैरतअंगेज़ बढ़ोत्तरी / कुलदीप
शिक्षा और रोजगार
बेहिसाब बढ़ती छँटनी और बेरोज़गारी / मुकेश
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
विश्व स्तर पर मज़दूरों की हालत और गिरी – भारत निचले 10 देशों में शामिल / लखविन्दर
अधिक अनाज वाले देश में बच्चे भूख से क्यों मर रहे हैं? / जसमीत
कारखाना इलाक़ों से
ऐसे बनता है आपका मोबाइल फ़ोन / रविन्दर
मज़दूर बस्तियों से
महान भारत में औरतों के नहाने के लिए बन्द-बाथरूम भी नहीं / बलजीत
गतिविधि रिपोर्ट
ज़हर उगल रहे बायो वेस्ट प्लाण्ट को बन्द कराने नगरनिगम के दफ़्तर तक निकाली रैली
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन