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(मज़दूर बिगुल के फरवरी 2017 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
चुनावी पार्टियों के फ़ण्ड से काले धन को सफ़ेद करने की स्कीम / वृषाली
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
नरेन्द्र मोदी – यानी झूठ बोलने की मशीन के नये कारनामे / सनी
संघर्षरत जनता
ऑमैक्स के संघर्षरत मज़दूरों का संघर्ष ज़िंदाबाद !
महान शिक्षकों की कलम से
‘इस्क्रा’ के सम्पादकीय बोर्ड का घोषणापत्र / वी.आई. लेनिन (सम्पादकीय बोर्ड की ओर से)
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियाँ और जनता का प्रतिरोध / लता
इतिहास
औद्योगिक दुर्घटनाएं
कानपुर में निर्माणाधीन इमारत गिरने से कम से कम 10 मजदूरों की मौत / अभिषेक, कानपुर
मज़दूर बस्तियों से
गतिविधि रिपोर्ट
‘भारत में जाति व्यवस्था : उद्भव, विकास और उन्मूलन का सवाल’ विषय पर परिचर्चा
मज़दूरों की कलम से
भोरगढ़ (दिल्ली) के मज़दूरों का नारकीय जीवन और उससे सीखे कुछ सबक / मुकेश, भोरगढ़
मज़दूरों को स्वर्ग का झाँसा देकर नर्ककुंड में डाला जाता है / रामाधार, सोनीपत
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन