इतिहास को विकृत करने की संघी साज़िशें
फ़ासीवादी ताक़तें झूठे-मनगढ़न्त, अवैज्ञानिक और अतार्किक प्रचार के ज़रिए समाज में अपने आधार का विस्तार करती हैं। वे हर उस चीज़ का विरोध करती हैं और उन्हें नष्ट करने की कोशिश करती हैं जो उनके इस झूठ और अज्ञान पर आधारित दुष्प्रचार और मिथ्याकरण के ख़िलाफ़ समाज को तार्किक और वैज्ञानिक चेतना से लैस करती है। इतिहास के कूड़ेदान में फेंके गये जर्मनी और इटली के फ़ासिस्टों के कुकृत्य इसके साक्षी हैं।