16 दिसम्बर की बर्बर घटना के पाँच साल बाद बलात्कार पीड़िताओं को इंसाफ के झूठे वादे
जल्द इंसाफ मिलने की सम्भावनाएँ यहाँ बहुत कम हैं। सारी सरकारी व्यवस्था स्त्री विरोधी सोच से ग्रस्त है। जब कोई स्त्री हिम्मत करके पुलिस के पास शिकायत लेकर जाती है तो सबसे पहले उसे ही गुनाहगार ठहराने की कोशिश की जाती है। पुलिस की पूरी कोशिश रहती है कि मामला दर्ज न हो। कोशिश की जाती है कि घूस लेकर मामला रफा-दफा कर दिया जाये। अगर रपट दर्ज भी होती है तो देरी कार कारण मेडीकल करवाने पर बलात्कार साबित करना मुश्किल हो जाता है।