नोएडा में ग़रीब मेहनतकशों के बच्चों की नृशंस हत्या
निठारी गाँव की बर्बर घटना पूँजीवादी समाज की मनोरोगी संस्कृति का एक प्रतिनिधि उदाहरण है। धनपशुओं का जो समाज मेहनतकशों की हड्डियों का पाउडर बनाकर भी बेच सकता है और मुनाफ़ा कमा सकता है, वह आज बर्बर विलासी मनोरोगियों का एक वहशी गिरोह बन चुका है। उस समाज में मोहिंदर जैसे नरभक्षियों की मौजूदगी कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यह घटना पूँजीवादी समाज की रुग्णता को उजागर करने वाली एक प्रतीक घटना है।