बेटी बचाओ, भाजपाइयों से! भाजपा नेताओं के कुकर्मों की शिकार हुई एक और बेटी
‘बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे लुभावने नारों के शोरगुल के बीच इस देश की बेटियों के साथ लगातार होने वाली बर्बरता को छिपाने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन 6 सालों में हुए स्त्री-विरोधी अपराध के आँकड़े चीख-चीख कर ये बता रहे हैं कि भाजपा सरकार के खोखले नारे महज़ वोट बटोरने की नौटंकी हैं। कठुआ और उन्नाव जैसी बर्बर,मानवद्रोही, स्त्री-विरोधी घटनाओं की याद अभी ताज़ी ही है कि एक नया प्रकरण हमारे सामने है।