बिगुल पुस्तिका – 11
मज़दूर आन्दोलन में एक नयी शुरुआत के लिए

बिगुल सम्पादक मण्डल

इस पुस्तिका के बारे में

Mazdoor andolanभारत के क्रान्तिकारी मज़दूर आन्दोलन में मौजूद गतिरोध को तोड़ने और एक नयी शुरुआत के लिए जिन मुद्दों पर आज गहराई से और बिना देर किये सोचे जाने की ज़रूरत है, उन्हें मज़दूर अख़बार ‘नयी समाजवादी क्रान्ति का उद्घोषक बिगुल’* के लेखों में लगातार उठाया जाता रहा है। हम पाठकों के लिए ‘बिगुल’ के हाल के कुछ अंकों में प्रकाशित दो अत्यन्त महत्त्वपूर्ण लेख प्रस्तुत कर रहे हैं जिनमें मज़दूर आन्दोलन को क्रान्तिकारी आधार पर पुनस्संगठित करने, क्रान्तिकारी पार्टी के निर्माण एवं गठन के प्रश्न और भारत में एक नये सर्वहारा नवजागरण तथा सर्वहारा प्रबोधन के कार्यभारों पर विस्तार से विचार किया गया है।

परिशिष्ट के रूप में हमने ‘बिगुल’ अख़बार के प्रवेशांक के सम्पादकीय को शामिल किया है जिसमें मज़दूर आन्दोलन में एक क्रान्तिकारी मज़दूर अख़बार की भूमिका पर चर्चा की गयी है।

राहुल फ़ाउण्डेशन (25-1-2008)

इस पुस्तिका की पीडीएफ फाइल इस लिंक से डाउनलोड करें

पुस्तिका में शामिल लेखों के यूनिकोड लिंक 

गुज़रे दिनों की नाउम्मीदियों और आने वाले दिनों की उम्मीदों के बारे में कुछ बातें : समस्याओं, चुनौतियों और जि़म्मेदारियों के बारे में कुछ बातें

अभी भी जीवित है ज्वाला! फि़र भड़केगी जंगल की आग!

एक बार फि़र मुक्ति का परचम उठाओ! पूँजी की बर्बर सत्ता के ख़िलाफ़ फ़ैसलाकुन लड़ाई की तैयारी में जुट जाओ!!

परिशिष्ट

एक नये क्रान्तिकारी मज़दूर अख़बार की ज़रूरत

* नवम्बर 2010 से यह ‘मज़दूर बिगुल’ नाम से प्रकाशित हो रहा है।

 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
     

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन