श्रम-कानूनों को लागू करवाने के लिए वजीरपुर स्टील मज़दूरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी!
11 जून। नई दिल्ली। गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में गरम रोला मज़दूरों ने अपनी हड़ताल छठे दिन भी जारी रखी। ज्ञात हो कि औद्योगिक इलाके से सटकर ही निमड़ी कॉलोनी में लेबर कोर्ट है जिसके बावजूद श्रम कानूनों का उल्लंघन धड़ल्ले से किया जाता है। वज़ीरपुर के औद्योगिक इलाके में स्टील का बड़ा उद्योग है जहाँ करीब 600 फैक्टरियां हैं जिनमे आये दिन मज़दूरों के हाथ कटते रहते हैं और कारखानों में बिल्कुल अमानवीय हालत में मज़दूर लगातार मालिकों का मुनाफा बढ़ाते रहते हैं। वजीरपुर में ही भविष्य निधि भवन का दफ्तर है लेकिन शायद ही किसी मज़दूर को पी.एफ. की सुविधा मिलती है। 6 जून को करीब 2000 मज़दूरों ने इलाके में व्यापक रैली निकाल कर अपनी हड़ताल की घोषणा की थी। आज वजीरपुर इंडस्ट्रियल इलाके के ए ब्लॉक, और बी ब्लॉक में जितनी भी स्टील लाईन फैक्टरियां थी उनमें से ज्यादातर बंद रहीं। विकराल रैली से घबराकर मालिकों ने पुलिस को आगे कर दिया परन्तु मज़दूर अपनी रैली शांतिपूर्वक तरीके से चलाते हुए राजा पार्क में पहुंचे जहां फिर से सभा की गयी। इस सभा में करीब 1500 मज़दूरों ने भागीदारी की।
सभा में बात रखते हुए गरम रोल्ला मज़दूर समिति के मज़दूर अम्बिका ने कहा कि आज महँगाई लगातारी बढ़ती जा रही है। हमारे आटा, दाल, सब्जी से लेकर मकान का किराया लगातार बढ़ रहा है। कहने को तो सरकार कागजों पर न्यूनतम वेतन में वृद्धि कर देती है लेकिन मालिक-ठेकेदाऱ सारे श्रम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हैं। मज़दूरों को 12-12 घण्टे काम के सिर्फ 7000-8000 रुपये दिये जाते हैं वही पीएफ व ईएसआई जैसी बुनियादी सुविधाएं किसी फैक्टरी में लागू नहीं होती हैं। श्रम-विभाग भी गूंगा-बहरा बनकर मजदूरों का शोषण देख रहा है इसलिए हम मज़दूरों ने तय किया है कि हम चुपचाप शोषण, अन्याय नहीं सहेंगे। बल्कि संघर्ष करेंगे अपने कानून हक लेंगे।
वहीं मालिकों ने हड़ताल तोड़ने के लिए मज़दूर नेताओं पर झूठी एफआईआर दर्ज करा दी है। गरम रोला मज़दूर एकता समिति के सनी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि पुलिस यहां मालिकों की दलाली करने तो पहुँच गयी पर अगर वे सच में कानून लागू करना चाहते हैं तो पहले वे मालिकों को गिरफ्तार करें क्योंकि वे अपनी फैक्टरियों में श्रम कानूनो का धड़ल्ले से उल्लंघन करते हैं। साथ ही हमारी हड़ताल की जीत की उम्मीदें सिर्फ गरम रोला मज़दूर नहीं बल्कि ठंडा रोला, स्टील लाइन, रिक्शा के मज़दूर भी उम्मीद लगाए बैठे है, इस हड़ताल में जीत पूरे वज़ीरपुर के मज़दूरों की जीत होगी और यह अन्य मज़दूरों को भी संघर्ष के रास्ते पर उतरने का रास्ता दिखाएगी. उन्होंने आगे कहा की हड़ताल में सभी मज़दूर न सिर्फ पार्क में बैठे बल्कि मज़दूर वर्ग की इस पाठशाला का इस्तेमाल वर्ग चेतन होने के लिए करें। आगे मज़दूरों ने आम राय बनाकर हड़ताल के माँगपत्रक को अपनी आम राय से पास कराया।
गरम रोला मज़दूर समिति के रघुराज ने मज़दूरों को तमाम अफवाहों और दलालों से सावधान रहने को कहा तथा अपनी ताकत पर भरोसा रखने का आह्वान किया। उन्होंने इस हड़ताल में अन्य मज़दूरों को हड़ताल में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। हड़ताल के समर्थन के लिए बिगुल मज़दूर दस्ता, करावल नगर मज़दूर यूनियन, गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति ,पीयूडीआर व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफसर प्रभुमहापात्रा भी शामिल हुए।
सभा के अंत में मज़दूरों ने हड़ताल को मजबूत बनाने व इसे जीतकर ही उठने की शपथ ली। बिगुल मज़दूर दस्ता की सांस्कृतिक टोली ने ,एक कथा सुनो रे लोगो, जारी है हड़ताल, यूनियन हमारी एकता गीत प्रस्तुत किये।
गरम रोला मज़दूर एकता समिति
वजीरपुर औद्योगिक एरिया. सम्पर्क- 09211532753 (रघुराज), 09873358124 (सनी)
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
आर्थिक सहयोग भी करें!
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन