भारत-चीन सीमा पर मामूली झड़प और फ़ासीवादी प्रचारतंत्र को मिला अन्धराष्ट्रवादी उन्माद उभारने का मौक़ा
दिसम्बर 9 को तवांग के यांगसे क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ बन्दूक़ों या हथियारों से नहीं बल्कि छड़ी, डण्डे और लाठी से हुई। दोनों तरफ़ की सेना के जवानों को मामूली चोटें आयीं लेकिन किसी की मौत नहीं हुई है। अख़बारों में या समाचार चैनलों में यह ख़बर 12 दिसम्बर के बाद आनी शुरू हुई। गोदी मीडिया के चैनलों ने जवानों की इस मुठभेड़ को इस तरह प्रचारित करना शुरू किया मानो सीमा पर कोई भयंकर युद्ध चल रहा है या युद्ध की तैयारी हो रही है! वह 4 से 5 मिनट का वीडियो आप लोगों में से भी कइयों ने देखा होगा और आपको भी लगा होगा कि यह तो बेहद मामूली झड़प है अगर हम इसकी तुलना सीमा पर होने वाली लड़ाइयों से करें।