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चार्टिस्टों का गीत
टॉमस कूपर (चार्टिस्ट आन्दोलन के एक नेता)
अनुवाद : सन्दीप संवाद
एक समय वो आयेगा जब नहीं रहेगी बुराई,
नहीं झुकेगा सामन्त के आगे, जिसने खेतों में जाँगर खटाई;
मुट्टीभर मालिकों का चलेगा न फ़रमान,
नहीं सुनेंगे उनके हुक्म, जो हैं बहुसंख्यक इन्सान।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक पूरा काम न हो
संघर्ष जारी है तब तक, जब तक चार्टर की जीत न हो!
एक समय वो आयेगा जब कारीगर का होगा मान
जब मेहनतकश नहीं करेगा अभिजातों का सम्मान;
खटते हैं खदानों के भीतर जो खनिक मज़दूर
धन-कुबेर के आदेश पर नहीं रहेंगे मजबूर।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक पूरा काम न हो
संघर्ष जारी है तब तक, जब तक चार्टर की जीत न हो!
एक समय वो आयेगा जब बुनकरों के परिवार
अपने देश में नहीं सोयेंगे भूखे एक भी बार;
जब हर मज़दूर का बच्चा मीठी नींद सो सकेगा रातभर
जब उसके चेहरे पर होगी मुस्कान, सपने में खेल देखकर।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक पूरा काम न हो
संघर्ष जारी है तब तक, जब तक चार्टर की जीत न हो!
एक समय वो आयेगा जब तुच्छ सोने से बढ़कर
होगा इन्सान से इन्सान का भाईचारा;
जब हब्शी के आज़ाद ख़यालों पर न होगा कोई बन्धन
मानवजाति से अलग न होगा उसका सम्बन्ध।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक हम आज़ाद न हों,
जब तक न्याय का गीत न हो, जब तक प्रेम का साज़ न हो।
एक समय वो आयेगा जब पादरियों की टोपी औ’ राजाओं के ताज
खिलौनों के मानिन्द सजेंगे संग्रहालयों में, ज्यों हों दूर अतीत की बात;
जब कहीं न होगा बर्बरता औ’ झूठ का नामोनिशान,
और करुणा व सच ही होंगे इन्सानों की पहचान।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक हम आज़ाद न हों,
जब तक करुणा की जीत न हो, जब तक सच सरताज न हो!
एक समय वो आयेगा जब धरती पर
होगा आनन्द और उल्लास चहुँओर,
जब हत्यारी तलवारें ज़ंग खायेंगी म्यानों में,
जब भलाई के गीत गूँजेंगे, फ़ैक्ट्री में, खलिहानों में।
मत ठहरो, मत रुको मेरे भाई, जब तक हम आज़ाद न हों,
और जब तक दुनिया में हर ओर भलाई का राज न हो!
Chartist Song
Thomas Cooper (1805–92)
THE TIME shall come when wrong shall end,
When peasant to peer no more shall bend;
When the lordly Few shall lose their sway,
And the Many no more their frown obey.
Toil, brothers, toil, till the work is done,
Till the struggle is o’er, and the Charter won!
The time shall come when the artisan
Shall homage no more the titled man;
When the moiling men who delve the mine
By Mammon’s decree no more shall pine.
Toil, brothers, toil, till the work is done,
Till the struggle is o’er, and the Charter won.
The time shall come when the weavers’ band
Shall hunger no more in their fatherland;
When the factory-child can sleep till day,
And smile while it dreams of sport and play.
Toil, brothers, toil, till the work is done,
Till the struggle is o’er, and the Charter won.
The time shall come when Man shall hold
His brother more dear than sordid gold;
When the negro’s stain his freeborn mind
Shall sever no more from human-kind.
Toil, brothers, toil, till the world is free,
Till Justice and Love hold jubilee.
The time shall come when kingly crown
And mitre for toys of the past are shown;
When the fierce and false alike shall fall,
And mercy and truth encircle all.
Toil, brothers, toil, till the world is free,
Till Mercy and Truth hold jubilee!
The time shall come when earth shall be
A garden of joy, from sea to sea,
When the slaughterous sword is drawn to more,
And goodness exults from shore to shore.
Toil, brothers, toil, till the world is free,
Till goodness shall hold high jubilee!
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