गोरखपुर में मज़दूर आन्दोलन की शानदार जीत
आज के दौर में जब कदम-कदम पर मज़दूरों को मालिकों और शासन-प्रशासन के गँठजोड़ के सामने हार का सामना करना पड़ रहा है, गोरखपुर के मज़दूरों की यह जीत बहुत महत्वपूर्ण है। इसने दिखा दिया है कि अगर मज़दूर एकजुट रहें, एक जगह लड़ रहे मज़दूरों के समर्थन में मज़दूरों की व्यापक आबादी एकजुटता का सक्रिय प्रदर्शन करे, विश्वासघातियों और दलालों की दाल न गलने दी जाये और एक कुशल नेतृत्व की अगुवाई में साहस तथा सूझबूझ से पूँजीपतियों और प्रशासन की सभी चालों का मुकाबला किया जाये तो इस कठिन समय में भी मज़दूर छोटी-छोटी जीतें हासिल करते हुए बड़ी लड़ाई में उतरने की तैयारी कर सकते हैं। इस आन्दोलन ने देशभर में, विशेषकर मज़दूर संगठनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है और इससे गोरखपुर ही नहीं, पूरे पूर्वी प्रदेश में मज़दूर आन्दोलन का नया एजेण्डा सेट करने की शुरुआत हो गयी है। इस आन्दोलन के सबकों और इसके दौरान सामने आये कुछ ज़रूरी सवालों पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी।