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(मज़दूर बिगुल के जून 2024 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
विशेष लेख / रिपोर्ट
लोकसभा चुनावों में भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) के पाँच प्रत्याशियों का प्रदर्शन
सामयिकी
आज़ादी के 76 साल के बाद भी राजधानी के मेहनतकश पानी तक के लिए मोहताज / अदिति
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
लखनऊ के अकबरनगर में लिखा गया योगी सरकार के बुलडोज़री न्याय का एक और काला अध्याय / लालचन्द
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
पर्यावरण / विज्ञान
जंगलों में आग की बढ़ती घटनाएँ – यह जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र कुदरत की चेतावनी है! / आनन्द
लेखमाला
मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (सातवीं किस्त) / सनी
औद्योगिक दुर्घटनाएं
खाड़ी देशों में प्रवासी मज़दूरों के नारकीय हालात से उपजा एक और हादसा / आदित्य
कला-साहित्य
चीले के महाकवि पाब्लो नेरूदा की कविता – मैं दण्ड की माँग करता हूँ
मज़दूरों की कलम से
दिल्ली में सीवर लाइन बनाने वाले मज़दूरों के हालात
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन