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(बिगुल के जनवरी 2002 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
कैसी है ये देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम का कैसा शोर : राज कर रहे, कफ़नखसोट मुर्दाखोर
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
निजीकरण की प्रक्रिया जारी, अब रेलवे की बारी : जुझारू संघर्ष के लिए कमर कसनी होगी
सी.आई.आई. ने भी भेजा रेलवे निजीकरण का पैगाम
श्रम कानून
वाम मोर्चा सरकार का पूँजीपतियों को नया तोहफा : नयी जूट मिलों में न्यूनतम मजदूरी नहीं
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
आपने ठीक फरमाया क़ानून मंत्री महोदय – ‘पालने से कफन तक’ की जिम्मेदारी कफनखसोट नहीं ले सकते
विशेष लेख / रिपोर्ट
उत्तरांचल राज्य का एक वर्ष : भ्रम की सारी दीवारें टूट गयीं / मोहनलाल डोबरियाल
संघर्षरत जनता
अर्जेण्टीना की घटनाएं : सड़कों पर बहता जनाक्रोश का लावा आने वाले भविष्य का संकेत
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
विकल्पहीनता में पड़े मजदूर दलाल यूनियनों पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं
समाज
नारी पर अत्याचार की एक और मिसाल / शशि सायल, छत्तीसगढ़ महिला जागृति संगठन
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
मुख में वाम, बगल में छूरी, कब पाऊं,कब रेतूं मूड़ी
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
अफगानिस्तान : ध्वंस के बाद अब ‘पुनर्निर्माण’ की बिसात पर साम्राज्यवादी चालें
लेखमाला
पार्टी की बुनियादी समझदारी (अध्याय-5) बारहवीं किश्त
जन्मदिवस के अवसर पर – लेनिन के साथ दस महीने – नौवीं किश्त / अल्बर्ट रीस विलियम्स
महान जननायक
मीना किश्वर कमाल : वर्जनाओं के अंधेरे में जो मशाल बन जलती रही
कारखाना इलाक़ों से
रेड एक्सपोर्ट जनकपुरी लुधियाना : मजदूरों के शोषण-उत्पीड़न का अड्डा
वाम आर्गेनिक, गजरौला में भी छंटनी शुरू, आक्रोशित मजदूरों ने एकता का संकल्प बांधा
गतिविधि रिपोर्ट
ईस्टर श्रमिकों का आन्दोलन जारी है : श्रमायुक्त कार्यालय पर श्रमिकों का जबर्दस्त प्रदर्शन
रुद्रपुर : श्रम कानूनों में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन और प्रधानमंत्री को ज्ञापन
होण्डा पावर प्रोडक्ट्स, रुद्रपुर में शिफ्टिंग का मुद्दा : यूनियन ने मांगपत्रक दिया तो दिल्ली के बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा
कुमायूँ क्षेत्र में पोटो के विरोध में संयुक्त प्रदर्शन
नेपाल में आपातकाल और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ दिल्ली में धरना
श्रम कानूनों में बदलाव पर दिल्ली जनवादी अधिकार मंच की पब्लिक मीटिंग : शासक वर्गां के संगठित हमले के खिलाफ व्यापक मजदूर एकता जरूरी
कला-साहित्य
कविता – मैं कभी पीछे नहीं लौटूंगी / मीना किश्वर कमाल
कविता – अपनी असुरक्षा से / पाश
कविता – भविष्य-चिंतन / विजय कुमार सिंह, ईस्टर इण्डस्ट्रीज लि. खटीमा, ऊधमसिंह नगर
मज़दूरों की कलम से
मंदा चल रहा है यूनियनों का धंधा / प्रमोद कुमार, लुधियाना
काले कानूनों से जनता न डरी है, न डरेगी / विक्रम सिंह, लुधियाना
औरतों की बराबरी या मुनाफे की चिन्ता / हंसी जोशी, जयपुर
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन