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(मज़दूर बिगुल के जनवरी 2016 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
अर्थव्यवस्था का संकट और मज़दूर वर्ग
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
फ़ासीवादी वहशीपन की दिल दहलाने वाली दास्तान / बोरीस पोलेवोइ
संघर्षरत जनता
नीमराना के ऑटो सेक्टर के मज़दूरों की लड़ाई जारी है…
पंजाब की जनता का काला क़ानून विरोधी संघर्ष जारी
ढण्डारी अपहरण, बलात्कार व क़त्ल काण्ड की पीड़िता शहनाज़ की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि समागम
समाज
हरियाणा पुलिस का दलित विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
तय जगह पर, आज्ञा लेकर व फ़ीस देकर विरोध करो वरना जेल जाओ!
भारतीय ‘‘न्याय व्यवस्था’’ का एक और अन्याय : मज़दूरों का क़ातिल सलमान खान बरी
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
महीनों से आर्थिक नाकाबन्दी की मार झेलते नेपाल के लोग / मानव
पर्यावरण / विज्ञान
मुनाफ़े के गोरखधन्धे में बलि चढ़ता विज्ञान और छटपटाता इन्सान / नवमीत
आपदाएं
चेन्नई बाढ़ त्रासदी – प्राकृतिक क़हर नहीं, विकास के पूँजीवादी रास्ते का नतीजा / रणबीर
लेखमाला
मार्क्स की ‘पूँजी’ को जानिये : चित्रांकनों के साथ – पहली किस्त / ह्यूगो गेलर्ट
इतिहास
समाजवादी चीन और पूँजीवादी चीन की दो फैक्टरियों के बीच फर्क / सनी
कला-साहित्य
नये साल पर मज़दूर साथियों के नाम ‘मज़दूर बिगुल’ का सन्देश (मज़दूर बिगुल, जनवरी 2013 से पुन: प्रकाशित)
आपस की बात
नव वर्ष को समर्पित कविता / बलकार सिंह, पंजाब
बिगुल के लिए कविता / जगविन्द्र सिंह, बलराज नगर, कैथल
जयपुर से एक पाठक का पत्र / मधु सूदन आज़ाद, जयपुर
मज़दूरों की कलम से
गुड़गाँव के एक मज़दूर की चिट्ठी / सचिन, गुड़गाँव
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन