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(बिगुल के मई 2009 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
जापान में बेरोज़गार मज़दूरों को गाँव भेजने की कोशिश / मीनाक्षी
विशेष लेख / रिपोर्ट
चेन्नई के सफाई कामगारों की हालत देशभर के सफाईकर्मियों का आईना है / अजयपाल
महान शिक्षकों की कलम से
कार्ल मार्क्स के जन्मदिन (5 मई) के अवसर पर / एंगेल्स
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
दमन-उत्पीड़न से नहीं कुचला जा सकता मेट्रो कर्मचारियों का आन्दोलन
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
स्वास्थ्य
चीनी विशेषता वाले ”समाजवाद” में मज़दूरों के स्वास्थ्य की दुर्गति / सन्दीप
बाल मज़दूर
बच्चों के खून-पसीने से बन रही है बेंगलोर मेट्रो
प्रवासी मज़दूर
लेखमाला
नताशा – एक महिला बोल्शेविक संगठनकर्ता (पाँचवीं किश्त) / एल. काताशेवा
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
गतिविधि रिपोर्ट
मई दिवस पर याद किया मज़दूरों की शहादत को
देहाती मज़दूर यूनियन द्वारा 8 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल सफल
पाँच क्रान्तिकारी जनसंगठनों का साझा चुनावी भण्डाफोड़ अभियान
मज़दूरों की कलम से
कविता – मई दिवस / टी. एम. अंसारी, शक्ति नगर, लुधियाना
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन
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