छात्रों-युवाओं के दमन और विरोधी विचारों को कुचलने की हरकतों का कड़ा विरोध
हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के दमन और मुम्बई में आर.एस.एस. विरोधी पर्चे बाँटने पर नौजवान भारत सभा कार्यालय पर आतंकवाद निरोधक दस्ते के छापे की देश भर के जनवादी व नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और विभिन्न जनसंगठनों की तरफ़ से की कड़ी निन्दा की गयी।
दिल्ली, मुम्बई, लखनऊ सहित कई शहरों में विभिन्न जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने प्रदर्शन किया और देशभर में छात्रों-युवाओं पर बढ़ते दमन-उत्पीड़न को रोकने की माँग की गयी।
उल्लेखनीय है कि 22 मार्च की रात के 2 बजे पुलिस और अगले दिन सुबह एटीएस वाले नौजवान भारत सभा कार्यालय पर आ धमके थे। कारण केवल यह था कि नौभास की मुम्बई इकाई ने देश को धर्म के नाम पर बाँटने की संघियों की राजनीति का भण्डाफोड़ करते हुए हज़ारों की संख्या में पर्चे बाँटे थे। छापेमारी के वाकये के बाद न तो नौभास ने अपने प्रचार अभियान को ही रोका और न ही उक्त पर्चे का वितरण ही बन्द किया बल्कि और भी व्यापक स्तर पर शहीदों के विचारों का और संघियों की गद्दारियों के कारनामों का प्रचार-प्रसार किया गया। संघियों द्वारा सच्चाई दबाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया जाना यही दर्शाता है कि ये लोग सच से कितना खौफ़ खाते हैं। नौभास के विराट ने बताया कि हम संघियों की ऐसी करतूतों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। फासीवाद के उभार को जनता की ताक़त से ही पराजित किया जा सकता है बशर्ते हम ईमानदारी से जनता के बीच काम करें, उसके दुःख-तकलीफों में उसके साथ खड़े हों और जनशत्रुओं को बेनकाब ही न करें बल्कि विकल्प भी लोगों के सामने रखें।
मज़दूर बिगुल, मार्च-अप्रैल 2016
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन