फ़िलिस्तीन: कुछ कवितांश / महमूद दरवेश, गोरख पाण्डेय, फदवा तुकन
फिलिस्तीन
वे तबाह नहीं कर सकते
तुम्हें कभी भी
क्योंकि तुम्हारी टूटी आशाओं के बीच
सलीब पर चढ़े तुम्हारे भविष्य के बीच
तुम्हारी चुरा ली गयी हँसी के बीच
तुम्हारे बच्चे मुस्कुराते हैं
धवस्त घरों, मकानों और यातनाओं के बीच
ख़ून सनी दीवारों के बीच
ज़िन्दगी और मौत की थरथराहट के बीच