अमानवीय शोषण-उत्पीड़न के शिकार तमिलनाडु के भट्ठा मज़दूर
भट्ठा मज़दूर भयंकर कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए अभिशप्त हैं। बिना आराम दिये लम्बे- लम्बे समय तक उनसे कठिन काम लिया जाता है। मज़दूरों ने बताया कि ज़्यादातर ईंट चैम्बरों में 3 बजे दोपहर से काम शुरू होता है जो 7 बजे शाम तक चलता है। उसके बाद 6 घण्टे का ब्रेक होता है और ब्रेक के बाद रात 1 बजे से दुबारा काम शुरू होता है जो 10-30 बजे सुबह तक चलता है। चूँकि ईंट को सुखाने के लिए ज़्यादा समय तक धूप में रखने की ज़रूरत होती है इसलिए मज़दूर केवल दिन में ही सो पाते हैं। ईंट ढुलाई करने वाले मज़दूरों का यही रुटीन है। दिन में उन्हें सिर्फ़ ग्यारह बजे से दो बजे तक का समय मिलता है, जिसमें वे खाना बना सकते हैं। तीन बजे से फिर काम पर लग जाना होता है।