मोदी सरकार के “ऑपरेशन मैत्री” की असलियत और नेपाल त्रासदी में पूँजीवादी मीडिया की घृणित भूमिका
नेपाल त्रासदी के सन्दर्भ में मीडियाकर्मियों ने जिस क़दर संवेदनहीनता का परिचय दिया है, उसने पीड़ित नेपाली जनता के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। ज़रा मीडियाकर्मियों के सवालों को देखिये। एक महिला जिसका बेटा मलबे के नीचे दबकर मर गया था उससे मीडियाकर्मी पूछता है कि “आपको कैसा लग रहा है?” पूरी नेपाल त्रासदी को मीडिया ने सनसनीखेज़ धारावाहिक की तरह पेश किया है।














