Category Archives: आर्काइव

मई 2002

 (बिगुल के मई 2002 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक…

अप्रैल 2002

  • विपक्ष के नपुंसक विरोध और संसदीय गुलगपाड़े के बीच आंतकवाद निरोधक कानून पर संसद की मुहर
  • होण्‍डा पावर प्रोडक्‍ट के मजदूरों ने आरपार की लड़ाई के लिए कमर कसी
  • गुजरात : फासीवादी भाजपा बेनकाब
  • पार्टी की बुनियादी समझदारी (अध्‍याय-5) चौदहवीं किश्‍त
  • चीन में खुले बाजार की नीतियों का “चमत्‍कार” : छंटनी-तालाबन्‍दी-महंगाई-बेकारी-तबाही और भ्रष्‍टाचार
  • गुजरात में खून की होली खेलने वाल धर्मध्‍वजाधारी पूँजी के चाकर हैं, हैवानियत के पुजारी हैं
  • फरवरी-मार्च 2002

  • गुजरात में नरसंहार : सोचो मजदूर साथियो! सोचो मेहनतकश भाइयो! यह विनाशलीला किनके हक में है? कौन इस रच रहे हैं? यह देश को कहां ले जायेगा?
  • मजदूर आन्‍दोलन की एकता के लिए ट्रेड यूनियनों के नेतृत्‍व पर मजदूर आबादी का बढ़ता दबाव : मजदूर आन्‍दोलन फिर सरगर्म हो रहा है
  • बजट 2002 : अब जेब नहीं गला काटने की पारी
  • कंडेला किसान गोली काण्‍ड की अगली कड़ी है खानक काण्‍ड
  • एक्‍सपोर्ट गारमेण्‍ट कारखानों की नरक-कथा : नोएडा के उजरती गुलामों की जिन्‍दगी का एक पहलू
  • नई भरती करो (वोग्‍दानोव और गूसेव के नाम लेनिन के एक पत्र से, 11 फरवरी 1905) / लेनिन
  • जनवरी 2002

  • कैसी है ये देशभक्ति, राष्‍ट्रप्रेम का कैसा शोर : राज कर रहे, कफ़नखसोट मुर्दाखोर
  • आपने ठीक फरमाया क़ानून मंत्री महोदय – ‘पालने से कफन तक’ की जिम्‍मेदारी कफनखसोट नहीं ले सकते
  • वाम मोर्चा सरकार का पूँजीपतियों को नया तोहफा : नयी जूट मिलों में न्‍यूनतम मजदूरी नहीं
  • रेड एक्‍सपोर्ट जनकपुरी लुधियाना : मजदूरों के शोषण-उत्‍पीड़न का अड्डा
  • निजीकरण की प्रक्रिया जारी, अब रेलवे की बारी : जुझारू संघर्ष के लिए कमर कसनी होगी
  • अर्जेण्‍टीना की घटनाएं : सड़कों पर बहता जनाक्रोश का लावा आने वाले भविष्‍य का संकेत
  • मीना किश्‍वर कमाल : वर्जनाओं के अंधेरे में जो मशाल बन जलती रही
  • दिसम्बर 2001

  • भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला : यह समय अन्‍धराष्‍ट्रवादी उन्‍माद में बहने का नहीं, तर्क और विवेक से निकली राहों पर आगे बढ़ने का है
  • एनरॉन को दिवाला निकला : पूँजी के गंदे खेल का एक और घिनौना चेहरा सामने आया
  • नेपाल की कम्युनिस्‍ट पार्टी (माओवादी) और संयुक्त क्रान्तिकारी जन परिषद, नेपाल की ओर से अन्तरराष्‍ट्रीय समुदाय से अपील
  • ईस्टर के मज़दूर आन्‍दोलन की राह पर : नौ मज़दूर निलम्बित, कारखाने में प्रवेश वर्जित
  • बोझ से छुटकारा पाओ और मशीनरी चालू करो / माअो
  • पोटो का दानवी खेल शुरू, पुलिसिया मनमानापन और बढ़ा : इस काले कानून को दफ्न करने के लिए आगे आओ
  • नवम्बर 2001

  • आतंकवाद निरोधक अध्‍यादेश (पोटो) : आतंकवाद बहाना है, जनता ही निशाना है
  • मुनाफे की देन मंदी, मंदी से होती छंटनी, छंटनी के कारण बेकारी : उदारीकरण के “कोरामिन का इंजेक्शन” भी नाकामयाब
  • विश्‍व व्‍यापार संगठन की दोहा बैठक : मेहनतकश हों बदहाल, सरकार बजाये गाल
  • बिखराव के इस दौर में इलाकाई एकता के लिए एक जबर्दस्त पहल : संयुक्त मज़दूर संघर्ष मोर्चा का गठन
  • मज़दूर क्रान्ति ही साम्राज्यवादी युद्धों का नाश करेगी / लेनिन
  • हरियाणा स्टील एण्‍ड एलॉयस के मजदूरों पर जिला प्रशासन का लाठीचार्ज
  • लखनऊ में शिशु संहार : असली हत्यारे हाथों की शिनाख्त जरूरी
  • अक्टूबर 2001

  • आतंकवाद कुचलने के नाम पर पूरी दुनिया की जनता के खिलाफ लुटेरे हुक्मरानों की जंगी मुहिम
  • मिट्टी के तेल की आसमान छूती कीमतें : गरीबों का चूल्हा जलना भी मुहाल
  • रुद्रपुर में बंगाली समुदाय का प्रदर्शन : अपने संघर्षों को व्यापक आबादी के संघर्षों से जोड़ना होगा
  • शाही एक्सपोर्ट ग्रुप का मज़दूर आंदोलन : खून देकर मज़दूरों को मिले संघर्ष के कीमती सबक
  • स्त्रियों के लिए स्वतंत्रता / लेनिन
  • आतंकवाद के बहाने भारतीय शासक वर्ग भी जनता के दमन का शिकंजा कस रहे हैं
  • दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी अमेरिका के काले कारनामे
  • सितम्‍बर 2001

  • जनता ने आज सिर्फ गुठलियां फेंकी हैं, कीचड़ उछाला है, कल तख्त उछाले जायेंगे, ताज गिराये जायेंगें
  • फासिस्ट भाजपाइयों और उनके बिरादरों के राज में बढ़ता पुलिसिया ताण्डव
  • अधिकारियों की लूट खसोट से सुपर बाजार कंगाल, कर्मचारी संघर्ष की राह पर
  • निजीकरण की ओर बढ़ता कोयला उद्योग, राष्ट्रीयकरण का नकाब उतारकर फेंकता पूँजी का दानव / शरद कुमार
  • पंजाब के भट्ठा मज़दूरों के उत्पीड़न और लूट की दर्दनाक दास्तान : सही लाइन पर संगठित करने की जरूरत
  • पार्टी की बुनियादी समझदारी (अध्या य-4) आठवीं किश्त
  • मज़दूर वर्ग के बीच निरन्तीर और नियमित प्रचार कार्य एक बुनियादी कर्तव्यत / लेनिन
  • कहानी-बदबू / शेखर जोशी
  • अगस्‍त 2001

  • केन्द्र व राज्य कर्मचारियों की एक दिनी हड़ताल – झूठी आशा छोड़ो, सही लड़ाई से नाता जोड़ो
  • विकास मुनाफाखोरों का, विनाश मेहनती जनता का – 2 : आर्थिक “सुधार”, यानी बेरोजगार ही बेरोजगार
  • “चीनी मज़दूर” पत्रिका का परिचय
  • पंजाब के भट्ठा मज़दूरों के उत्पीड़न और लूट की दर्दनाक दास्तान : सही लाइन पर संगठित करने की जरूरत
  • यह सुलगता कोयला दहकेगा, एक दिन जरूर दहकेगा
  • लेनिन के साथ दस महीने / एल्बिर्ट रीस विलियम्स
  • जुलाई 2001

     (बिगुल के जुलाई 2001 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक…