Category Archives: आर्थिक बजट

मेहनतकश अवाम के बजट पर डाका डालने वाला केन्द्रीय बजट

इस बार पेश किये गये बजट के लिए निर्मला सीतारमण ने ‘ईज़ आफ़ लिविंग’ यानी “जीवनशैली की सुगमता” को विषयवस्तु बनाया। आइए देखें कि क्या वाकई में इस बजट से लोगों की ज़िन्दगी सुगम होने वाली है। अगर होने वाली है, तो क्या सभी लोगों की होने वाली है या कुछ ख़ास लोगों की?

बजट और आर्थिक सर्वेक्षण : झूठ का एक और पुलिन्दा

सबके लिए स्वास्थ्य की व्यवस्था के बजाय 10 करोड़ ग़रीब परिवारों के लिए घोषित की गयी बीमा योजना का फ़ायदा कृषि बीमा की तरह बीमा कम्पनियों को ही होगा। स्वास्थ्य बीमा योजना स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्ण निजीकरण का ऐलान ही है, जिसका फ़ायदा निजी सामान्य बीमा कम्पनियों और मुनाफ़े के लिए मरीज के साथ कुछ भी करने को तैयार फ़ोर्टिस, अपोलो, जैसे निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों को ही होगा। कृषि बीमा के नाम पर ऐसा पहले ही हो चुका है जहाँ 22 हज़ार करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा हुआ और 8 हज़ार करोड़ के दावे का भुगतान – बीमा कम्पनियों को 14 हज़ार करोड़ रुपये का सीधा लाभ जिसका एक हिस्सा तो बैंकों ने किसानों के खातों से ज़बरदस्ती निकाला और दूसरा आम जनता के टैक्स के पैसे से गया।