भारत में बढ़ रही बेरोज़गारी

सिकन्दर

UP में नौकरी के लि‍ए बगैर सिक्युरिटी इक्युपमेंट्स नाले में उतरे ग्रेजुएट-इंजीनियर्स
नगर निगम मुरादाबाद ने कांट्रैक्‍ट पर 1083 सफाई कर्मियों की भर्ती नि‍काली थी। इसके लि‍ए 58 हजार 909 कैंडि‍डेट्स ने अप्‍लाई कि‍या।

पिछले दिनों ‘लेबर ब्यूरो’ द्वारा जारी नयी रोज़गार-बेरोज़गारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक़ बेरोज़गारी पिछले 5 वर्षों के शिखर पर है। बेरोज़गारी की दर 2011 में 3.8 फ़ीसदी, 2013 में 4.9 फ़ीसदी और 2015-16 में बढ़ कर 7.3 फ़ीसदी पर पहुँच गयी है। रोज़गार-प्राप्त व्यक्तियों में से भी एक-तिहाई को पूरे वर्ष काम नहीं मिलता, जबकि कुल परिवारों में से 68 फ़ीसदी परिवारों की आमदनी 10,000 रुपये महीने से भी कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालत और भी ख़राब है। यहाँ 42 फ़ीसदी व्यक्तियों को वर्ष के पूरे 12 महीने काम नहीं मिलता। ग्रामीण क्षेत्र में 77 फ़ीसदी परिवार 10,000 मासिक से कम कमाने वाले हैं।

ये हैं वे असल कुरूप सच्चाइयाँ जिन्हें छिपाने के लिए ही मोदी मण्डली तमाम तरह के फ़ालतू मुद्दे उभार रही है। एक तरफ़ तो विकास की 7-8 फ़ीसदी की रफ़्तार को छूने के दावे किये जा रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ़ बेरोज़गारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ज़ाहिरा तौर पर इस विकास का फ़ायदा सिर्फ़ ऊपर बैठे अमीर वर्गों को ही हुआ है। आम घरों के नौजवान तो अब भी दो वक़्त की रोटी जुटाने के लिए भटक रहे हैं। इसलिए आज हमें समझना होगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और देशभक्ति के नाम पर अन्धराष्ट्रवाद को उभारने के पीछे भारत और पाकिस्तान के हुक्मरानों की क्या साजि़श है। आज हमारे वास्तविक मसले अपने घर में ही हैं और ज़रूरत है कि हम बेहतर शिक्षा और रोज़गार देने के लिए अपनी सरकारों से ज़ोरदार माँग करें और जनान्दोलन को इस मक़सद के लिए संगठित करें।

 

मज़दूर बिगुल, दिसम्‍बर 2016


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments