गौतम नवलखा जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर बन्दिश लगाकर भारत सरकार कश्मीर की सच्चाई को छुपा नहीं सकती
जाने-माने मानवाधिकार कर्मी और प्रसिद्ध पत्रिका ‘इकोनॉमिक एण्ड पॉलिटिकल वीकली’ के सम्पादकीय सलाहकार गौतम नवलखा को भी 28 मई को श्रीनगर हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया और उन्हें श्रीनगर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। श्री नवलखा पिछले दो दशकों के दौरान अनेक बार कश्मीर की यात्रा पर गये हैं और वहाँ सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को मुखरता से उठाते रहे हैं। हालाँकि इस बार वे अपनी मित्र के साथ निजी यात्रा पर कश्मीर जा रहे थे। श्रीनगर पहुँचने पर विमान से उतरते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया और उन्हें वापस दिल्ली जाने के लिए कहा गया। उस दिन कोई फ्लाइट नहीं होने के कारण उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया और किसी को उनसे मिलने की इजाज़त नहीं दी गयी। अगले दिन उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया।