मज़दूर पंचायत का आयोजन
बिगुल संवाददाता
लुधियाना के पुडा मैदान में 16 अगस्त को टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन द्वारा मज़दूर पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन की कार्यकारिणी समिती द्वारा प्रस्तावित एक मांग पत्र पर चर्चा की गई। मांग पत्र को अंतिम रूप दिया गया और इसे टेक्सटाइल और हौज़री मालिकों को देने का फैसला किया गया। इस मांग पत्र में 25 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ई.एस.आई., पी.एफ., पहचान पत्र, हौज़री, बोनस, छुट्टियां, हादसों और बीमारियों से सुरक्षा के प्रबंध आदि सभी श्रम कानून लागू करने, कारखानों में मज़दूरों से मालिकों द्वारा मारपीट, गालीगलौच, बदसलूकी बंद करने आदि मांगें की गई है। मज़दूर पंचायत ने ऐलान किया कि यह मांगें पूरी करवाने के लिए संघर्ष तेज किया जायेगा।
मज़दूर पंचायत के दौरान मज़दूरों ने कारखानों में मज़दूर की हो रही बर्बर लूट के बारे में खुल कर बात रखी। कारखानों में मज़दूरों को 12-14 घंटे सख्त मेहनत करनी पड़ती है। इतनी मेहनत के बाद भी उनको बहुत कम वेतन मिलता है और वे बुरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। मज़दूरों की मेहनत की लूट करके बेहिसाब मुनाफा कमाने वाले मालिक ऐयाशी भरी जिंदगी जीते है। कारखानों में श्रम कानून लागू नही होते, न न्यूनतम वेतन लागू होता है, न आठ घंटे काम का कानून। श्रम विभाग सिर्फ दिखावे के लिए है। वास्तव में पूरा सरकारी ढाँचा ही मालिकों से मिलकर चलता है और मज़दूरों की लूट में शामिल है।
मज़दूर पंचायत के दौरान टेक्सटाइल-होज़री कामगार यूनियन के नेताओं व सदस्यों राजविन्दर, लखविन्दर, प्रेमनाथ, छोटेलाल, विश्वनाथ, निर्भय आदि ने बात रखी। विभिन्न मज़दूर साथियों ने क्रान्तिकारी गीत भी प्रस्तुत किये।
मज़दूर बिगुल, अगस्त-सितम्बर 2015
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन