25 मार्च की घटना के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में आम आदमी पार्टी के विरोध में प्रदर्शन
25 मार्च की घटना के विरोध दिल्ली, पटना, मुम्बई और लखनऊ में विरोध प्रदर्शन हुए। 1 अप्रैल को दिल्ली के वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र के मज़दूरों ने ‘दिल्ली इस्पात उद्योग मज़दूर यूनियन’ के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में मज़दूरों ने रैली निकाली और इलाके के आप विधायक राजेश गुप्ता का घेराव किया। राजेश गुप्ता मज़दूरों की रैली के पहुँचने के पहले ही पलायन कर गये। इसके बाद मज़दूरों ने उनके कार्यालय के बाहर पुतला दहन किया और फिर वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के पूर्ण बहिष्कार का एलान किया।
इसी प्रकार 28 मार्च दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर दिल्ली के जनवादी अधिकार संगठनों जैसे कि पीयूडीआर, पीयूसीएल, जागरूक नागरिक मंच आदि ने मिलकर प्रदर्शन किया और अपना विरोध पत्र व ज्ञापन पुलिस आयुक्त को सौंपा। लखनऊ में भी 28 मार्च के दिन कई जनसंगठनों ने मिलकर जीपीओ पर प्रदर्शन किया और केजरीवाल सरकार की निन्दा की। पटना में 5 अप्रैल को नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने केजरीवाल का पुतला दहन किया और 25 मार्च की घटना के लिए लिखित माफ़ी की माँग की। मुम्बई में भी इसी दिन दादर स्टेशन के बाहर यूनीवर्सिटी कम्युनिटी फॉर डेमोक्रेसी एण्ड इक्वॉलिटी व नौजवान भारत सभा ने मिलकर प्रदर्शन किया और केजरीवाल सरकार के प्रति भर्त्सना प्रस्ताव पास किया। सूरतगढ़ में भी नौजवान भारत सभा के नेतृत्व में लोगों ने केजरीवाल सरकार का पुतला फूँका और विरोध प्रदर्शन किया।
12 अप्रैल को खजूरी में केजरीवाल ने अपनी एक सभा रखी जिसके विरुद्ध खजूरी इलाके की जनता ने उसे काले झण्डे दिखाये और उसका पुतला दहन किया। केजरीवाल ने एक बार फिर पुलिस को आगे करके इस विरोध प्रदशर्न को कुचलने का प्रयास किया लेकिन वह इस बार भी असफल रहा। केजरीवाल की सभा बुरी तरह असफल रही जिसमें आम आदमी पार्टी के 200-250 कार्यकर्ताओं (जो कि बाहर से ट्रकों से भरकर लाये गये थे) के अलावा मुश्किल से कुछ दर्जन लोगों ने शिरकत की। यही कारण था कि सभा को बेहद जल्दी खत्म कर केजरीवाल अपने 40 विधायकों और मन्त्रियों को लेकर चलता बना।
दिल्ली के वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में मज़दूरों ने एकत्र होकर एक बार फिर से 15 अप्रैल को आम आदमी पार्टी राजेश गुप्ता का घेराव किया और माँग की कि दिल्ली सरकार ने जो न्यूनतम मज़दूरी में बढ़ोत्तरी करवायी है (जो हर वर्ष दिल्ली राज्य में दो बार नियमतः होती है) उसे वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू करवाया जाय। जवाब में राजेश गुप्ता पीछे के दरवाज़े से भाग खड़ा हुआ। बाद में पता चला कि वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्वयं राजेश गुप्ता और उसके रिश्तेदारों के कारखाने हैं। मज़दूरों ने अभी भी ‘आम आदमी पार्टी’ का वज़ीरपुर में बहिष्कार जारी रखा है।
मज़दूर बिगुल, अप्रैल 2015
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