बिगुल पुस्तिका – 12
मज़दूर नायक : क्रान्तिकारी योद्धा
इस पुस्तिका के बारे में (25-1-2008)
दुनिया के मज़दूर वर्ग के बीच से बहुत से ऐसे क्रान्तिकारी नायक उभरे हैं जो सर्वहारा क्रान्ति के मार्गदर्शक सिद्धान्त को पकड़कर अपने वर्ग की मुक्ति की राह पर तेज़ी से आगे बढ़े और फिर अपनी अडिग निष्ठा, बहादुरी, व्यावहारिक जीवन की ज़मीनी समझ और रचनात्मकता के चलते हमारे युग के नये नायक बन गये। पूँजीपति वर्ग जनता के ऐसे योद्धाओं को कभी नायक नहीं मान सकता लेकिन वे मेहनतकश जनता के दिलों में रहते हैं और उनकी जीवनगाथा आने वाली पीढ़ियों को भी लड़ने की प्रेरणा देती रहती है।
इस पुस्तिका में ऐसे ही तीन मज़दूर क्रान्तिकारियों का परिचय दिया गया है। जर्मनी, इंलैण्ड और रूस के ये मज़दूर नायक इतिहास में प्रसिद्ध तो नहीं हुए लेकिन उनकी ज़िन्दगी से यह शिक्षा मिलती है कि जब मेहनत करने वाले लोग ज्ञान हासिल करते हैं और अपनी मुक्ति का माग ढूँढ़ लेते हैं तो फिर वे किस तरह अडिग-अविचल रहकर क्रान्ति में हिस्सा लेते हैं। उनके भीतर ढुलमुलपन, कायरता, कैरियरवाद, उदारतावाद, और आधू-अधूरे ज्ञान पर इतराने जैसे दुर्गुण नहीं होते जो मध्यवर्गीय बुद्धिजीवियों में पाये जाते हैं।
इनके साथ ही हम अमेरिका की एक जुझारू महिला मज़दूर संगठनकर्ता मैरी जोंस का परिचय और उनकी लिखी एक रपट भी दे रहे हैं, जिन्हें मज़दूर प्यार से ‘मदर जोंस’ कहकर पुकारते थे।
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पुस्तिका में शामिल लेखों के यूनिकोड लिंक
मज़दूर नायक : क्रान्तिकारी योद्धा – जोहान फि़लिप्प बेकर
मज़दूर नायक : क्रान्तिकारी योद्धा – इवान वसील्येविच बाबुश्किन – बोल्शेविक मज़दूर संगठनकर्ता
मदर जोंस : मज़दूरों की बूढ़ी अम्मा और पूँजीपतियों के लिए ”अमेरिका की सबसे खतरनाक औरत”
अमेरिका की सूत मिलों में ज़िन्दगी की एक झलक — मदर जोंस
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन