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(बिगुल के अक्टूबर 2000 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
डीजल, पेट्रोल, केरोसीन और रसोई गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी : परजीवी जमातों की विलासिता का बोझ मेहनतकश जनता क्यों उठाये?
श्रम-कानून
एक बार फिर उठेगा काम के घण्टों एवं वाजिब मज़दूरी का सवाल / शिवरतन
श्रम मंत्री के दोमुहेंपन का कारण क्या है?
बुर्जुआ मीडिया / संस्कृति
सूचना प्रौद्योगिकी का मिथक और आम जनजीवन का यथार्थ
फासीवाद
संघ परिवार के कई मुंह और भाजपा की बदली-बदली बातें: दुविधा, अंतरविरोध या सोची-समझी रणनीति? / मुकुल श्रीवास्तव
विशेष लेख / रिपोर्ट
आधुनिक दास-यात्रा : पूँजीवादी बर्बरता की एक और लोमहर्षक मिसाल
संघर्षरत जनता
ए.एस.पी. के मज़दूरों का संघर्ष जारी है
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
तराई के मज़दूर आन्दोलन को कमजोर करने की कोशिश : व्यापक एकजुटता से ही मुकाबला सम्भव
महान शिक्षकों की कलम से
पार्टी के बोल्शेविकीकरण की बुनियादी शर्तें / स्तालिन
लेखमाला
चीन की नवजनवादी क्रान्ति के अर्द्धशतीवर्ष के अवसर पर – जनमुक्ति की अमर गाथा : चीनी क्रान्ति की सचित्र कथा (भाग आठ)
कारखाना इलाक़ों से
मज़दूरों की गैरक़ानूनी लूट का बाजार बनीं लुधियाना की स्टील फैक्टरियां / सुखवंत
मुंगेर के पत्थर खदानों के 50 हजार मज़दूर बेकार
कला-साहित्य
कविता – शुरूआत की सुबह / शहीद श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी
कहानी – एक छोटे लड़के और एक छोटी लड़की की कहानी जो बर्फ़ीली ठण्ड में ठिठुरकर मरे नहीं / मक्सिम गोर्की
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन